तीरथ सरकार संपने होंगे साकार, 100 कदम खुशहाली की ओर
तीरथ सरकार के 100 दिन पूरे होने पर खास रिपोर्ट
देहरादून। प्रचंड अपेक्षाओं के ताप के सम्मुख बेशुमार बहुमत से लैस तीरथ सरकार 2022 विधानसभा चुनाव के महासमर से पहले अपने परीक्षा के दौर से गुजर रही है। तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के दसवें मुख्यमंत्री हैं। बीजेपी के लिहाज से देखें, तो नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद्र खंडूड़ी, डा. रमेश पोखरियाल निशंक और त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बाद उनका मुख्यमंत्री बनने का नंबर आया है। सबसे बड़ी बात यह कि भाजपा आलाकमान ने चुनावी वर्ष में 4 साल से राज्य की बागडोर संभाल रहे त्रिवेन्द्र सिंह रावत को हटाकर उन पर भरोसा जताते हुए 2022 में सत्ता वापसी के लिए उन्हें सेनापति नियुक्ति किया है। मुख्यमंत्री का पद संभालते ही अपने फैसलों के जरिए उन्होंने आम जनमानस व पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच में उत्साह व आशा का नया संचार किया है।
तीरथ सरकार के तीन माह चुनौतियों भरे रहे हैं। कोरोना महामारी से जंग के साथ ही जनता की उम्मीदों पर खरे उतरने की चुनौती है। तीरथ सरकार के लिए कदम-कदम पर मुश्किलें इसके वाबजूद भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मजबूत सरकार और खुशहाल के लिए तीन मजबूत कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य व्यस्थाओं में सुधार, रोजगार को प्रोत्साहन देना और जनकल्याण योजनाओं को धरातल पर उतारने की ईमानदार कोशिश की है। कम समय में अधिक सकारात्मक कार्य कर उन्होंने अपनी राजनीतिक समझ और जनहित को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जनता के सामने अपने 100 दिन के कार्यकाल का लेखा जोखा रखने के साथ ही उनकी समृद्वी और खुशहाली को लेकर शुरू की गई सभी योजनाओं पर बिस्तार से अपनी बात रखी।
100 दिन में मजबूत हुआ स्वास्थ्य तंत्र
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पिछले साढे चार वर्ष से राज्य सरकार सर्वांगीण विकास हेतु कार्य कर रही है। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे मुख्यमंत्री के रूप में देवभूमि की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। हालांकि किसी सरकार के कार्यकाल को 100 दिन या कुछ महीनों की अवधि में समग्रता से आंकलित नही किया जा सकता है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि मेरी सरकार की प्राथमिकता पिछले 100 दिनों में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जनता को राहत देने और स्वास्थ्य एवं उपचार तंत्र को मजबूत बनाने में रही है और हम इसमें सफल भी रहे है। हमने इस बीच तात्कालिक और दीर्घकालिक लाभ देने के लिए बहुत से निर्णय लिये है, जिसमें न सिर्फ जन स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत किया गया है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक पक्षों का भी ध्यान रखा गया है।
तीरथ सरकार की वात्सल्य बनेगी निराश्रित बच्चों का सहारा
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत वात्सल्य योजना को मंजूरी दी गयी। यह योजना मार्च 2020 से मार्च 2022 तक लागू रहेगी, इसके अंतर्गत कोविड के कारण बच्चे के माता-पिता अथवा संरक्षक की मृत्यु होने पर उस बच्चे को 21 वर्ष तक 3000 रूपये प्रति माह दिये जायेंगे, निःशुल्क राशन और नवोदय विद्यालय में शिक्षा की निःशुल्क सुविधा दी जायेगी। ऐसे बच्चों को उच्च शिक्षा,चिकित्सा एवं तकनीकि शिक्षा में आरक्षण और निःशुल्क शिक्षा दी जायेगी, ऐसे बच्चों को सरकारी सेवाओं में 05 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण भी दिया जायेगा। इसके लिए जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि सरकार देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार कर रही है। जो भी निर्णय होगा, उसमें तीर्थ पुरोहित, हक हकूक धारियों एवं स्थानीय निवासियों की भावनाओं का सम्मान एवं उनके हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जायेगा। इस सम्बन्ध में सभी पक्षकारों से वार्ता तथा प्राप्त सुझावों पर विचार कर युक्तिसंगत निर्णय लिया जायेगा।
केन्द्र का मिल रहा भरपूर सहयोग
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि मैं उत्तराखण्ड की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने उत्तराखण्ड के विकास हेतु हर संभव सहयोग दिया है। चाहें चारधाम सड़क परियोजना हो या रेल परियोजना। केदारनाथ पुनर्निर्माण, जमरानी बांध परियोजना सहित अन्य योजनाओं में केन्द्र सरकार ने सदैव उत्तराखण्ड का सहयोग किया है। अभी हाॅल ही में मैंने स्वयं माननीय प्रधानमंत्री जी सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है और राज्यहित से जुड़े विभिन्न योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की है। मुझे खुशी है कि केन्द्रीय मंत्रियों ने आश्वासत किया है कि उत्तराखण्ड के विकास में हर संभव सहयोग करेंगे।
तीरथ सरकार का गांवों के विकास पर खास फोकस
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक उन्नति के दृष्टिगत पारम्परिक स्थानीय उत्पादों के विपणन, बहुमूल्य जैव विविधता के संवर्धन, लघु उद्यमों को बढ़ावा देने, एवं पर्यटन के नये आयामों पर राज्य सरकार द्वारा फोकस किया गया है। इसके माध्यम से रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने तथा राज्य के आर्थिक संसाधनों के विकास आदि के लिए मेरे द्वारा एक सलाहकार समूह का गठन भी किया गया हैं, जोकि वर्तमान योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन एवं माॅनिटरिंग के लिए जिम्मेदार होगा। परम्परागत शिल्पकला को संरक्षण देने के लिये शिल्पकार प्रोत्साहन योजना को 05 वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं सहकारिता सैक्टर के माध्यम से भी स्वरोजगार के अवसर विकसित करने पर कार्य किया जा रहा है।
पर्यटन व्यवसायियों के साथ सरकार
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि राज्य सरकार पर्यटन व्यवसायीयों के हितों के प्रति संवदेनशील है। पर्यटन सेक्टर से जुड़े प्रदेश में पंजीकृत 352 टूर आपरेटरों को 10 हजार रुपये प्रति टूर आपरेटर डीबीटी के माध्यम से देने का निर्णय लिया है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े पंजीकृत 303 एडवेंचर टूर आपरेटरों को भी 10 हजार रूपये प्रति की दर से डीबीटी के माध्यम से प्रदान किये जायेंगे। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोेजगार योजना में होम स्टे के अन्तर्गत भी 01 अप्रैल से 30 सितम्बर तक ऋण लेने पर ब्याज की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। पर्यटन सेक्टर के अन्तर्गत पंजीकृत 631 राफिं्टग गाइडों को भी 10 हजार रूपये प्रति गाइड आर्थिक मदद दी जायेगी। राफ्टिंग, एयरोस्पोर्टस लाइसेंस नवीनीकरण, शुल्क में भी छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
औद्योगिक विकास को देंगे गति
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि हमारा पूरा फोकस है कि राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिले, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित हो सके। प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में लघु उद्यमी आसानी से उद्योग लगा सके, इसके लिये हमारी सरकार ने राजकीय उद्योग से सम्बन्धित शैड भूखण्डो के आवंटन और स्थानान्तरण का अधिकार शासन के बजाय जिलाधिकारियों को दिया है, इससे उद्यमियों को उद्योगों की स्थापना के लिये जिला स्तर पर सुविधा हो जायेगी। साथ ही औद्योगिक विकास मे भी तेजी आ सकेगी। अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रीयल काॅरिडोर के अन्तर्गत जनपद उधमसिंह नगर में एक हजार एकड़ भूमि 150 कि.मी लम्बे काॅरिडोर के लिये दी जायेगी। इस कारिडोर के कलस्टर में औद्योगिक स्मार्ट सिटी, मल्टी माडल लाॅजिस्टिक हब, सोलर पावर प्लांट रोड लिंक प्रोजेक्ट कन्वेसन सेन्टर आदि का निर्माण किया जायेगा। इससे प्रदेश में उद्योग व स्वरोेजगार के अवसर बढ़ेंगे।
महिलाएं होंगी आर्थिक रूप से मजबूत
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखण्ड के विकास में मातृशक्ति का अमूल्य योगदान है। हमारी सरकार मातृशक्ति के कल्याण एवं उन्हें सशक्त करने के लिए वचनबद्ध है। प्रदेश में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के अन्तर्गत नवजात लड़की व उसकी मां को किट प्रदान किया जायेगा। किट की कीमत 3 हजार 5 सौ रूपये होगी। इसके साथ ही महिलाओं की समाज के विभिन्न क्षेत्रों में भागदारी सशक्त करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये है। हमारी सरकार ने वनों को आग से बचान के लिए 5000 महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी की योजना बनायी है। इसके साथ ही कार्बेट पार्क सहित अन्य नेशनल पार्कों में जिप्सी चालक और टूर गाईड के तौर पर महिलाओं को पहली बार अवसर दिया गया है। कोविड में फ्रंट लाइन पर काम कर रही आशा कार्यकत्रियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।